Kitabun onzila ilayka fala yakun fee sadrika harajun minhu litunthira bihi wathikra lilmumineena
यह एक किताब है, जो तुम्हारी ओर उतारी गई है - अतः इससे तुम्हारे सीने में कोई तंगी न हो - ताकि तुम इसके द्वारा सचेत करो और यह ईमानवालों के लिए एक प्रबोधन है;
Ittabi'oo ma onzila ilaykum min rabbikum wala tattabi'oo min doonihi awliyaa qaleelan ma tathakkaroona
जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर अवतरित हुआ है, उस पर चलो और उसे छोड़कर दूसरे संरक्षक मित्रों का अनुसरण न करो। तुम लोग नसीहत थोड़े ही मानते हो
Wakam min qaryatin ahlaknaha fajaaha basuna bayatan aw hum qailoona
कितनी ही बस्तियाँ थीं, जिन्हें हमने विनष्टम कर दिया। उनपर हमारी यातना रात को सोते समय आ पहुँची या (दिन-दहाड़) आई, जबकि वे दोपहर में विश्राम कर रहे थे
Fama kana da'wahum ith jaahum basuna illa an qaloo inna kunna thalimeena
जब उनपर यातना आ गई तो इसके सिवा उनके मुँह से कुछ न निकला कि वे पुकार उठे, 'वास्तव में हम अत्याचारी थे।'
Falanasalanna allatheena orsila ilayhim walanasalanna almursaleena
अतः हम उन लोगों से अवश्य पूछेंगे, जिनके पास रसूल भेजे गए थे, और हम रसूलों से भी अवश्य पूछेंगे
Falanaqussanna 'alayhim bi'ilmin wama kunna ghaibeena
फिर हम पूरे ज्ञान के साथ उनके सामने सब बयान कर देंगे। हम कही ग़ायब नहीं थे
Waalwaznu yawmaithini alhaqqu faman thaqulat mawazeenuhu faolaika humu almuflihoona
और बिल्कुल पक्का-सच्चा वज़न उसी दिन होगा। अतः जिनके कर्म वज़न में भारी होंगे, वही सफलता प्राप्त करेंगे
Waman khaffat mawazeenuhu faolaika allatheena khasiroo anfusahum bima kanoo biayatina yathlimoona
और वे लोग जिनके कर्म वज़न में हलके होंगे, तो वही वे लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला, क्योंकि वे हमारी आयतों का इनकार औऱ अपने ऊपर अत्याचार करते रहे
Walaqad makkannakum fee alardi waja'alna lakum feeha ma'ayisha qaleelan ma tashkuroona
और हमने धरती में तुम्हें अधिकार दिया और उसमें तुम्हारे लिए जीवन-सामग्री रखी। तुम कृतज्ञता थोड़े ही दिखाते हो
القرآن الكريم: | الأعراف |
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आयत सजदा (سجدة): | 206 |
सूरा (latin): | Al-A'raf |
सूरा: | 7 |
कुल आयत: | 206 |
कुल शब्द: | 3325 |
कुल वर्ण: | 14010 |
रुकु: | 24 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 39 |
से शुरू आयत: | 954 |