Wamathalu allatheena kafaroo kamathali allathee yan'iqu bima la yasma'u illa du'aan wanidaan summun bukmun 'umyun fahum la ya'qiloona
इन इनकार करनेवालों की मिसाल ऐसी है जैसे कोई ऐसी चीज़ों को पुकारे जो पुकार और आवाज़ के सिवा कुछ न सुनती और समझती हो। ये बहरे हैं, गूँगें हैं, अन्धें हैं; इसलिए ये कुछ भी नहीं समझ सकते
Ya ayyuha allatheena amanoo kuloo min tayyibati ma razaqnakum waoshkuroo lillahi in kuntum iyyahu ta'budoona
ऐ ईमान लानेवालो! जो अच्छी-सुथरी चीज़ें हमने तुम्हें प्रदान की हैं उनमें से खाओ और अल्लाह के आगे कृतज्ञता दिखलाओ, यदि तुम उसी की बन्दगी करते हो
Innama harrama 'alaykumu almaytata waalddama walahma alkhinzeeri wama ohilla bihi lighayri Allahi famani idturra ghayra baghin wala 'adin fala ithma 'alayhi inna Allaha ghafoorun raheemun
उसने तो तुमपर केवल मुर्दार और ख़ून और सूअर का माँस और जिस पर अल्लाह के अतिरिक्त किसी और का नाम लिया गया हो, हराम ठहराया है। इसपर भी जो बहुत मजबूर और विवश हो जाए, वह अवज्ञा करनेवाला न हो और न सीमा से आगे बढ़नेवाला हो तो उसपर कोई गुनाह नहीं। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
Inna allatheena yaktumoona ma anzala Allahu mina alkitabi wayashtaroona bihi thamanan qaleelan olaika ma yakuloona fee butoonihim illa alnnara wala yukallimuhumu Allahu yawma alqiyamati wala yuzakkeehim walahum 'athabun aleemun
जो लोग उस चीज़ को छिपाते है जो अल्लाह ने अपनी किताब में से उतारी है और उसके बदले थोड़े मूल्य का सौदा करते है, वे तो बस आग खाकर अपने पेट भर रहे है; और क़ियामत के दिन अल्लाह न तो उनसे बात करेगा और न उन्हें निखारेगा; और उनके लिए दुखद यातना है
Olaika allatheena ishtarawoo alddalalata bialhuda waal'athaba bialmaghfirati fama asbarahum 'ala alnnari
यहीं लोग हैं जिन्होंने मार्गदर्शन के बदले पथभ्रष्टका मोल ली; और क्षमा के बदले यातना के ग्राहक बने। तो आग को सहन करने के लिए उनका उत्साह कितना बढ़ा हुआ है!
Thalika bianna Allaha nazzala alkitaba bialhaqqi wainna allatheena ikhtalafoo fee alkitabi lafee shiqaqin ba'eedin
वह (यातना) इसलिए होगी कि अल्लाह ने तो हक़ के साथ किताब उतारी, किन्तु जिन लोगों ने किताब के मामले में विभेद किया वे हठ और विरोध में बहुत दूर निकल गए
Laysa albirra an tuwalloo wujoohakum qibala almashriqi waalmaghribi walakinna albirra man amana biAllahi waalyawmi alakhiri waalmalaikati waalkitabi waalnnabiyyeena waata almala 'ala hubbihi thawee alqurba waalyatama waalmasakeena waibna alssabeeli waalssaileena wafee alrriqabi waaqama alssalata waata alzzakata waalmoofoona bi'ahdihim itha 'ahadoo waalssabireena fee albasai waalddarrai waheena albasi olaika allatheena sadaqoo waolaika humu almuttaqoona
नेकी केवल यह नहीं है कि तुम अपने मुँह पूरब और पश्चिम की ओर कर लो, बल्कि नेकी तो उसकी नेकी है जो अल्लाह अन्तिम दिन, फ़रिश्तों, किताब और नबियों पर ईमान लाया और माल, उसके प्रति प्रेम के बावजूद नातेदारों, अनाथों, मुहताजों, मुसाफ़िरों और माँगनेवालों को दिया और गर्दनें छुड़ाने में भी, और नमाज़ क़ायम की और ज़कात दी और अपने वचन को ऐसे लोग पूरा करनेवाले है जब वचन दें; और तंगी और विशेष रूप से शारीरिक कष्टों में और लड़ाई के समय में जमनेवाले हैं, तो ऐसे ही लोग है जो सच्चे सिद्ध हुए और वही लोग डर रखनेवाले हैं
Ya ayyuha allatheena amanoo kutiba 'alaykumu alqisasu fee alqatla alhurru bialhurri waal'abdu bial'abdi waalontha bialontha faman 'ufiya lahu min akheehi shayon faittiba'un bialma'roofi waadaon ilayhi biihsanin thalika takhfeefun min rabbikum warahmatun famani i'tada ba'da thalika falahu 'athabun aleemun
ऐ ईमान लानेवालो! मारे जानेवालों के विषय में हत्यादंड (क़िसास) तुमपर अनिवार्य किया गया, स्वतंत्र-स्वतंत्र बराबर है और ग़़ुलाम-ग़ुलाम बराबर है और औरत-औरत बराबर है। फिर यदि किसी को उसके भाई की ओर से कुछ छूट मिल जाए तो सामान्य रीति का पालन करना चाहिए; और भले तरीके से उसे अदा करना चाहिए। यह तुम्हारें रब की ओर से एक छूट और दयालुता है। फिर इसके बाद भो जो ज़्यादती करे तो उसके लिए दुखद यातना है
Walakum fee alqisasi hayatun ya olee alalbabi la'allakum tattaqoona
ऐ बुद्धि और समझवालों! तुम्हारे लिए हत्यादंड (क़िसास) में जीवन है, ताकि तुम बचो
Kutiba 'alaykum itha hadara ahadakumu almawtu in taraka khayran alwasiyyatu lilwalidayni waalaqrabeena bialma'roofi haqqan 'ala almuttaqeena
जब तुममें से किसी की मृत्यु का समय आ जाए, यदि वह कुछ माल छोड़ रहा हो, तो माँ-बाप और नातेदारों को भलाई की वसीयत करना तुमपर अनिवार्य किया गया। यह हक़ है डर रखनेवालों पर