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وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
لَوْلَا
क्यों नहीं
نُزِّلَ
नाज़िल किया गया
هَٰذَا
ये
ٱلْقُرْءَانُ
क़ुरान
عَلَىٰ
ऊपर किसी शख़्स के
رَجُلٍ
ऊपर किसी शख़्स के
مِّنَ
दो बस्तियों में से
ٱلْقَرْيَتَيْنِ
दो बस्तियों में से
عَظِيمٍ
बहुत बड़े

Waqaloo lawla nuzzila hatha alquranu 'ala rajulin mina alqaryatayni 'atheemun

वे कहते है, 'यह क़ुरआन इन दो बस्तियों के किसी बड़े आदमी पर क्यों नहीं अवतरित हुआ?'

Tafseer (तफ़सीर )

أَهُمْ
क्या वो
يَقْسِمُونَ
वो तक़सीम करते है
رَحْمَتَ
रहमत
رَبِّكَۚ
आपके रब की
نَحْنُ
हम
قَسَمْنَا
तक़सीम कर रखी है हमने
بَيْنَهُم
दर्मियान उनके
مَّعِيشَتَهُمْ
मईशत उनकी
فِى
ज़िन्दगी में
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
ٱلدُّنْيَاۚ
दुनिया की
وَرَفَعْنَا
और बुलन्द किया हमने
بَعْضَهُمْ
उनके बाज़ को
فَوْقَ
ऊपर
بَعْضٍ
बाज़ के
دَرَجَٰتٍ
दरजात में
لِّيَتَّخِذَ
ताकि बनाऐं
بَعْضُهُم
उनके बाज़
بَعْضًا
बाज़ को
سُخْرِيًّاۗ
ख़िदमतगार
وَرَحْمَتُ
और रहमत
رَبِّكَ
आपके रब की
خَيْرٌ
बेहतर है
مِّمَّا
उससे जो
يَجْمَعُونَ
वो जमा करते हैं

Ahum yaqsimoona rahmata rabbika nahnu qasamna baynahum ma'eeshatahum fee alhayati alddunya warafa'na ba'dahum fawqa ba'din darajatin liyattakhitha ba'duhum ba'dan sukhriyyan warahmatu rabbika khayrun mimma yajma'oona

क्या वे तुम्हारे रब की दयालुता को बाँटते है? सांसारिक जीवन में उनके जीवन-यापन के साधन हमने उनके बीच बाँटे है और हमने उनमें से कुछ लोगों को दूसरे कुछ लोगों से श्रेणियों की दृष्टि से उच्च रखा है, ताकि उनमें से वे एक-दूसरे से काम लें। और तुम्हारे रब की दयालुता उससे कहीं उत्तम है जिसे वे समेट रहे है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْلَآ
और अगर ये ना होता
أَن
कि
يَكُونَ
हो जाऐंगे
ٱلنَّاسُ
लोग
أُمَّةً
उम्मत
وَٰحِدَةً
एक ही
لَّجَعَلْنَا
अलबत्ता बना देते हम
لِمَن
उनके लिए जो
يَكْفُرُ
कुफ़्र करते हैं
بِٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान का
لِبُيُوتِهِمْ
उनके घरों की
سُقُفًا
छतें
مِّن
चाँदी से
فِضَّةٍ
चाँदी से
وَمَعَارِجَ
सीढ़ियाँ
عَلَيْهَا
जिन पर
يَظْهَرُونَ
वो चढ़ते हैं

Walawla an yakoona alnnasu ommatan wahidatan laja'alna liman yakfuru bialrrahmani libuyootihim suqufan min fiddatin wama'arija 'alayha yathharoona

यदि इस बात की सम्भावना न होती कि सब लोग एक ही समुदाय (अधर्मी) हो जाएँगे, तो जो लोग रहमान के साथ कुफ़्र करते है उनके लिए हम उनके घरों की छतें चाँदी की कर देते है और सीढ़ियाँ भी जिनपर वे चढ़ते।

Tafseer (तफ़सीर )

وَلِبُيُوتِهِمْ
और उनके घरों के
أَبْوَٰبًا
दरवाज़े
وَسُرُرًا
और तख़्त
عَلَيْهَا
जिन पर
يَتَّكِـُٔونَ
वो तकिया लगाते है

Walibuyootihim abwaban wasururan 'alayha yattakioona

और उनके घरों के दरवाज़े भी और वे तख़्त भी जिनपर वे टेक लगाते

Tafseer (तफ़सीर )

وَزُخْرُفًاۚ
और सोने के भी
وَإِن
और नहीं है
كُلُّ
सब कुछ
ذَٰلِكَ
ये
لَمَّا
मगर
مَتَٰعُ
सामान
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी का
ٱلدُّنْيَاۚ
दुनिया की
وَٱلْءَاخِرَةُ
और आख़िरत
عِندَ
आपके रब के नज़दीक
رَبِّكَ
आपके रब के नज़दीक
لِلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों के लिए है

Wazukhrufan wain kullu thalika lamma mata'u alhayati alddunya waalakhiratu 'inda rabbika lilmuttaqeena

और सोने द्वारा सजावट का आयोजन भी कर देते। यह सब तो कुछ भी नहीं, बस सांसारिक जीवन की अस्थायी सुख-सामग्री है। और आख़िरत तुम्हारे रब के यहाँ डर रखनेवालों के लिए है

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَن
और जो
يَعْشُ
अंधा बन जाए
عَن
ज़िक्र से
ذِكْرِ
ज़िक्र से
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान के
نُقَيِّضْ
हम मुक़र्रर कर देते हैं
لَهُۥ
उसके लिए
شَيْطَٰنًا
एक शैतान
فَهُوَ
तो वो
لَهُۥ
उसका
قَرِينٌ
साथी हो जाता है

Waman ya'shu 'an thikri alrrahmani nuqayyid lahu shaytanan fahuwa lahu qareenun

जो रहमान के स्मरण की ओर से अंधा बना रहा है, हम उसपर एक शैतान नियुक्त कर देते है तो वही उसका साथी होता है

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِنَّهُمْ
और बेशक वो
لَيَصُدُّونَهُمْ
अलबत्ता वो रोकते हैं उन्हें
عَنِ
रास्ते से
ٱلسَّبِيلِ
रास्ते से
وَيَحْسَبُونَ
और वो समझते हैं
أَنَّهُم
कि बेशक वो
مُّهْتَدُونَ
हिदायत याफ़्ता है

Wainnahum layasuddoonahum 'ani alssabeeli wayahsaboona annahum muhtadoona

औऱ वे (शैतान) उन्हें मार्ग से रोकते है और वे (इनकार करनेवाले) यह समझते है कि वे मार्ग पर है

Tafseer (तफ़सीर )

حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
إِذَا
जब
جَآءَنَا
वो आएगा हमारे पास
قَالَ
वो कहेगा
يَٰلَيْتَ
ऐ काश
بَيْنِى
दर्मियान मेरे
وَبَيْنَكَ
और दर्मियान तुम्हारे
بُعْدَ
दूरी (होती )
ٱلْمَشْرِقَيْنِ
दो मशरिक़ों की
فَبِئْسَ
तो कितना बुरा है
ٱلْقَرِينُ
साथी

Hatta itha jaana qala ya layta baynee wabaynaka bu'da almashriqayni fabisa alqareenu

यहाँ तक कि जब वह हमारे पास आएगा तो (शैतान से) कहेगा, 'ऐ काश, मेरे और तेरे बीच पूरब के दोनों किनारों की दूरी होती! तू तो बहुत ही बुरा साथी निकला!'

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَن
और हरगिज़ ना
يَنفَعَكُمُ
वो नफ़्अ देगा तुम्हें
ٱلْيَوْمَ
आज
إِذ
जब
ظَّلَمْتُمْ
ज़ुल्म कर चुके तुम
أَنَّكُمْ
बेशक तुम
فِى
अज़ाब में
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में
مُشْتَرِكُونَ
मुश्तरिक हो

Walan yanfa'akumu alyawma ith thalamtum annakum fee al'athabi mushtarikoona

और जबकि तुम ज़ालिम ठहरे तो आज यह बात तुम्हें कुछ लाभ न पहुँचा सकेगी कि यातना में तुम एक-दूसरे के साझी हो

Tafseer (तफ़सीर )

أَفَأَنتَ
क्या भला आप
تُسْمِعُ
आप सुनाऐंगे
ٱلصُّمَّ
बहरों को
أَوْ
या
تَهْدِى
आप राह दिखाएँगे
ٱلْعُمْىَ
अंधों को
وَمَن
और उसे जो
كَانَ
हो
فِى
गुमराही में
ضَلَٰلٍ
गुमराही में
مُّبِينٍ
खुली

Afaanta tusmi'u alssumma aw tahdee al'umya waman kana fee dalalin mubeenin

क्या तुम बहरों को सुनाओगे या अंधो को और जो खुली गुमराही में पड़ा हुआ हो उसको राह दिखाओगे?

Tafseer (तफ़सीर )