La oqsimu biyawmi alqiyamati
नहीं, मैं क़सम खाता हूँ क़ियामत के दिन की,
Wala oqsimu bialnnafsi allawwamati
और नहीं! मैं कसम खाता हूँ मलामत करनेवाली आत्मा की
Ayahsabu alinsanu allan najma'a 'ithamahu
क्या मनुष्य यह समझता है कि हम कदापि उसकी हड्डियों को एकत्र न करेंगे?
Bala qadireena 'ala an nusawwiya bananahu
क्यों नहीं, हम उसकी पोरों को ठीक-ठाक करने की सामर्थ्य रखते है
Bal yureedu alinsanu liyafjura amamahu
बल्कि मनुष्य चाहता है कि अपने आगे ढिठाई करता रहे
Yasalu ayyana yawmu alqiyamati
पूछता है, 'आख़िर क़ियामत का दिन कब आएगा?'
Faitha bariqa albasaru
तो जब निगाह चौंधिया जाएगी,
Wakhasafa alqamaru
और चन्द्रमा को ग्रहण लग जाएगा,
Wajumi'a alshshamsu waalqamaru
और सूर्य और चन्द्रमा इकट्ठे कर दिए जाएँगे,
Yaqoolu alinsanu yawmaithin ayna almafarru
उस दिन मनुष्य कहेगा, 'कहाँ जाऊँ भागकर?'
القرآن الكريم: | القيامة |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Al-Qiyamah |
सूरा: | 75 |
कुल आयत: | 40 |
कुल शब्द: | 199 |
कुल वर्ण: | 652 |
रुकु: | 2 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 31 |
से शुरू आयत: | 5551 |