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قَالَ
कहा
إِنَّهُۥ
बेशक वो
يَقُولُ
वो फ़रमाता है
إِنَّهَا
बेशक वो
بَقَرَةٌ
ऐसी गाय हो
لَّا
ना
ذَلُولٌ
जोती हुई हो
تُثِيرُ
कि वो हल चलाती हो
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन में
وَلَا
और ना
تَسْقِى
वो सैराब करती हो
ٱلْحَرْثَ
खेती को
مُسَلَّمَةٌ
सही सलामत हो
لَّا
ना हो
شِيَةَ
कोई दाग़
فِيهَاۚ
उसमें
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
ٱلْـَٰٔنَ
अब
جِئْتَ
लाया है तू
بِٱلْحَقِّۚ
हक़ को
فَذَبَحُوهَا
फिर उन्होंने ज़िबाह किया उसे
وَمَا
और ना
كَادُوا۟
वो क़रीब थे कि
يَفْعَلُونَ
वो करते

Qala innahu yaqoolu innaha baqaratun la thaloolun tutheeru alarda wala tasqee alhartha musallamatun la shiyata feeha qaloo alana jita bialhaqqi fathabahooha wama kadoo yaf'aloona

उसने कहा, ' वह कहता हैं कि वह ऐसा गाय है जो सधाई हुई नहीं है कि भूमि जोतती हो, और न वह खेत को पानी देती है, ठीक-ठाक है, उसमें किसी दूसरे रंग की मिलावट नहीं है।' बोले, 'अब तुमने ठीक बात बताई है।' फिर उन्होंने उसे ज़ब्ह किया, जबकि वे करना नहीं चाहते थे

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذْ
और जब
قَتَلْتُمْ
क़त्ल किया तुमने
نَفْسًا
एक नफ़्स को
فَٱدَّٰرَْٰٔتُمْ
फिर एक दूसरे पर डालने लगे तुम
فِيهَاۖ
उस (के बारे) में
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
مُخْرِجٌ
निकालने वाला था
مَّا
जो
كُنتُمْ
थे तुम
تَكْتُمُونَ
तुम छुपाते

Waith qataltum nafsan faiddaratum feeha waAllahu mukhrijun ma kuntum taktumoona

और याद करो जब तुमने एक व्यक्ति की हत्या कर दी, फिर उस सिलसिले में तुमने टाल-मटोल से काम लिया - जबकि जिसको तुम छिपा रहे थे, अल्लाह उसे खोल देनेवाला था

Tafseer (तफ़सीर )

فَقُلْنَا
पस कहा हमने
ٱضْرِبُوهُ
मारो उसे
بِبَعْضِهَاۚ
साथ उसके बाज़ हिस्से के
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
يُحْىِ
ज़िन्दा करेगा
ٱللَّهُ
अल्लाह
ٱلْمَوْتَىٰ
मुर्दों को
وَيُرِيكُمْ
और वो दिखाता है तुम्हें
ءَايَٰتِهِۦ
अपनी निशानियाँ
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल से काम लो

Faqulna idriboohu biba'diha kathalika yuhyee Allahu almawta wayureekum ayatihi la'allakum ta'qiloona

तो हमने कहा, 'उसे उसके एक हिस्से से मारो।' इस प्रकार अल्लाह मुर्दों को जीवित करता है और तुम्हें अपनी निशानियाँ दिखाता है, ताकि तुम समझो

Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ
फिर
قَسَتْ
सख़्त हो गए
قُلُوبُكُم
दिल तुम्हारे
مِّنۢ
बाद
بَعْدِ
बाद
ذَٰلِكَ
इसके
فَهِىَ
तो वो
كَٱلْحِجَارَةِ
पत्थरों की तरह हैं
أَوْ
या
أَشَدُّ
ज़्यादा शदीद
قَسْوَةًۚ
सख़्ती में
وَإِنَّ
और बेशक
مِنَ
बाज़ पत्थर
ٱلْحِجَارَةِ
बाज़ पत्थर
لَمَا
अलबत्ता वो हैं जो
يَتَفَجَّرُ
फूट पड़ती हैं
مِنْهُ
उनसे
ٱلْأَنْهَٰرُۚ
नहरें
وَإِنَّ
और बेशक
مِنْهَا
कुछ उनमें से
لَمَا
अलबत्ता वो हैं जो
يَشَّقَّقُ
फट जाते हैं
فَيَخْرُجُ
फिर निकल आता है
مِنْهُ
उनसे
ٱلْمَآءُۚ
पानी
وَإِنَّ
और बेशक
مِنْهَا
कुछ उनमें से
لَمَا
अलबत्ता वो हैं जो
يَهْبِطُ
गिर पड़ते हैं
مِنْ
ख़ौफ़ से
خَشْيَةِ
ख़ौफ़ से
ٱللَّهِۗ
अल्लाह के
وَمَا
और नहीं
ٱللَّهُ
अल्लाह
بِغَٰفِلٍ
ग़ाफ़िल
عَمَّا
उससे जो
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो

Thumma qasat quloobukum min ba'di thalika fahiya kaalhijarati aw ashaddu qaswatan wainna mina alhijarati lama yatafajjaru minhu alanharu wainna minha lama yashshaqqaqu fayakhruju minhu almao wainna minha lama yahbitu min khashyati Allahi wama Allahu bighafilin 'amma ta'maloona

फिर इसके पश्चात भी तुम्हारे दिल कठोर हो गए, तो वे पत्थरों की तरह हो गए बल्कि उनसे भी अधिक कठोर; क्योंकि कुछ पत्थर ऐसे भी होते है जिनसे नहरें फूट निकलती है, और कुछ ऐसे भी होते है कि फट जाते है तो उनमें से पानी निकलने लगता है, और उनमें से कुछ ऐसे भी होते है जो अल्लाह के भय से गिर जाते है। और अल्लाह, जो कुछ तुम कर रहे हो, उससे बेखबर नहीं है

Tafseer (तफ़सीर )

أَفَتَطْمَعُونَ
क्या फिर तुम तमा रखते हो
أَن
कि
يُؤْمِنُوا۟
वो ईमान लाऐंगे
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
وَقَدْ
हालाँकि तहक़ीक़
كَانَ
है
فَرِيقٌ
एक गिरोह (के लोग)
مِّنْهُمْ
उनमें से
يَسْمَعُونَ
वो सुनते हैं
كَلَٰمَ
कलाम
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ثُمَّ
फिर
يُحَرِّفُونَهُۥ
वो तहरीफ़ कर डालते हैं उसमें
مِنۢ
बाद उसके
بَعْدِ
बाद उसके
مَا
जो
عَقَلُوهُ
उन्होंने समझ लिया उसे
وَهُمْ
जबकि वो
يَعْلَمُونَ
वो इल्म रखते हैं

Afatatma'oona an yuminoo lakum waqad kana fareequn minhum yasma'oona kalama Allahi thumma yuharrifoonahu min ba'di ma 'aqaloohu wahum ya'lamoona

तो क्या तुम इस लालच में हो कि वे तुम्हारी बात मान लेंगे, जबकि उनमें से कुछ लोग अल्लाह का कलाम सुनते रहे हैं, फिर उसे भली-भाँति समझ लेने के पश्चात जान-बूझकर उसमें परिवर्तन करते रहे?

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذَا
और जब
لَقُوا۟
वो मुलाक़ात करते हैं
ٱلَّذِينَ
उनसे जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
قَالُوٓا۟
वो कहते हैं
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
وَإِذَا
और जब
خَلَا
अलेहदा होते हैं
بَعْضُهُمْ
बाज़ उनके
إِلَىٰ
तरफ़ बाज़ के
بَعْضٍ
तरफ़ बाज़ के
قَالُوٓا۟
वो कहते हैं
أَتُحَدِّثُونَهُم
क्या तुम बातें बताते हो उन्हें
بِمَا
जो
فَتَحَ
खोल दीं हैं
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
عَلَيْكُمْ
तुम पर
لِيُحَآجُّوكُم
ताकि वो झगड़ा करें तुमसे
بِهِۦ
साथ उसके
عِندَ
पास
رَبِّكُمْۚ
तुम्हारे रब के
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
تَعْقِلُونَ
तुम अक़्ल से काम लेते

Waitha laqoo allatheena amanoo qaloo amanna waitha khala ba'duhum ila ba'din qaloo atuhaddithoonahum bima fataha Allahu 'alaykum liyuhajjookum bihi 'inda rabbikum afala ta'qiloona

और जब वे ईमान लानेवाले से मिलते है तो कहते हैं, 'हम भी ईमान रखते हैं', और जब आपस में एक-दूसरे से एकान्त में मिलते है तो कहते है, 'क्या तुम उन्हें वे बातें, जो अल्लाह ने तुम पर खोली, बता देते हो कि वे उनके द्वारा तुम्हारे रब के यहाँ हुज्जत में तुम्हारा मुक़ाबिला करें? तो क्या तुम समझते नहीं!'

Tafseer (तफ़सीर )

أَوَلَا
क्या भला नहीं
يَعْلَمُونَ
वो इल्म रखते
أَنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يَعْلَمُ
जानता है
مَا
जो
يُسِرُّونَ
वो छुपाते हैं
وَمَا
और जो
يُعْلِنُونَ
वो ज़ाहिर करते हैं

Awala ya'lamoona anna Allaha ya'lamu ma yusirroona wama yu'linoona

क्या वे जानते नहीं कि अल्लाह वह सब कुछ जानता है, जो कुछ वे छिपाते और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं?

Tafseer (तफ़सीर )

وَمِنْهُمْ
और उनमें से कुछ
أُمِّيُّونَ
अनपढ़ हैं
لَا
नहीं वो इल्म रखते
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
ٱلْكِتَٰبَ
किताब का
إِلَّآ
सिवाय
أَمَانِىَّ
तमन्नाओं के
وَإِنْ
और नहीं
هُمْ
वो
إِلَّا
मगर
يَظُنُّونَ
वो गुमान करते

Waminhum ommiyyoona la ya'lamoona alkitaba illa amaniyya wain hum illa yathunnoona

और उनमें सामान्य बेपढ़े भी हैं जिन्हें किताब का ज्ञान नहीं है, बस कुछ कामनाओं एवं आशाओं को धर्म जानते हैं, और वे तो बस अटकल से काम लेते हैं

Tafseer (तफ़सीर )

فَوَيْلٌ
पस हलाकत है
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जो
يَكْتُبُونَ
वो लिखते हैं
ٱلْكِتَٰبَ
किताब को
بِأَيْدِيهِمْ
अपने हाथों से
ثُمَّ
फिर
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
هَٰذَا
ये
مِنْ
पास से है
عِندِ
पास से है
ٱللَّهِ
अल्लाह के
لِيَشْتَرُوا۟
ताकि वो ले लें
بِهِۦ
बदले उसके
ثَمَنًا
क़ीमत
قَلِيلًاۖ
थोड़ी
فَوَيْلٌ
पस हलाकत है
لَّهُم
उनके लिए
مِّمَّا
बवजह उसके जो
كَتَبَتْ
लिखा
أَيْدِيهِمْ
उनके हाथों ने
وَوَيْلٌ
और हलाकत है
لَّهُم
उनके लिए
مِّمَّا
बवजह उसके जो
يَكْسِبُونَ
वो कमाते हैं

Fawaylun lillatheena yaktuboona alkitaba biaydeehim thumma yaqooloona hatha min 'indi Allahi liyashtaroo bihi thamanan qaleelan fawaylun lahum mimma katabat aydeehim wawaylun lahum mimma yaksiboona

तो विनाश और तबाही है उन लोगों के लिए जो अपने हाथों से किताब लिखते हैं फिर कहते हैं, 'यह अल्लाह की ओर से है', ताकि उसके द्वारा थोड़ा मूल्य प्राप्त कर लें। तो तबाही है उनके हाथों ने लिखा और तबाही है उनके लिए उसके कारण जो वे कमा रहे हैं

Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
لَن
हरगिज़ नहीं
تَمَسَّنَا
छुएगी हमें
ٱلنَّارُ
आग
إِلَّآ
मगर
أَيَّامًا
दिन
مَّعْدُودَةًۚ
गिने चुने
قُلْ
कह दीजिए
أَتَّخَذْتُمْ
क्या ले रखा है तुमने
عِندَ
पास
ٱللَّهِ
अल्लाह के
عَهْدًا
कोई अहद
فَلَن
तो हरगिज़ नहीं
يُخْلِفَ
ख़िलाफ़ करेगा
ٱللَّهُ
अल्लाह
عَهْدَهُۥٓۖ
अपने अहद के
أَمْ
या
تَقُولُونَ
तुम कहते हो
عَلَى
अल्लाह पर
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
مَا
जो
لَا
नहीं तुम इल्म रखते
تَعْلَمُونَ
नहीं तुम इल्म रखते

Waqaloo lan tamassana alnnaru illa ayyaman ma'doodatan qul attakhathtum 'inda Allahi 'ahdan falan yukhlifa Allahu 'ahdahu am taqooloona 'ala Allahi ma la ta'lamoona

वे कहते है, 'जहन्नम की आग हमें नहीं छू सकती, हाँ, कुछ गिने-चुने दिनों की बात और है।' कहो, 'क्या तुमने अल्लाह से कोई वचन ले रखा है? फिर तो अल्लाह कदापि अपने वचन के विरुद्ध नहीं जा सकता? या तुम अल्लाह के ज़िम्मे डालकर ऐसी बात कहते हो जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं?

Tafseer (तफ़सीर )