Waith akhatha Allahu meethaqa alnnabiyyeena lama ataytukum min kitabin wahikmatin thumma jaakum rasoolun musaddiqun lima ma'akum latuminunna bihi walatansurunnahu qala aaqrartum waakhathtum 'ala thalikum isree qaloo aqrarna qala faishhadoo waana ma'akum mina alshshahideena
और याद करो जब अल्लाह ने नबियों के सम्बन्ध में वचन लिया था, 'मैंने तुम्हें जो कुछ किताब और हिकमत प्रदान की, इसके पश्चात तुम्हारे पास कोई रसूल उसकी पुष्टि करता हुआ आए जो तुम्हारे पास मौजूद है, तो तुम अवश्य उस पर ईमान लाओगे और निश्चय ही उसकी सहायता करोगे।' कहा, 'क्या तुमने इक़रार किया? और इसपर मेरी ओर से डाली हुई जिम्मेदारी को बोझ उठाया?' उन्होंने कहा, 'हमने इक़रार किया।' कहा, 'अच्छा तो गवाह किया और मैं भी तुम्हारे साथ गवाह हूँ।'
Faman tawalla ba'da thalika faolaika humu alfasiqoona
फिर इसके बाद जो फिर गए, तो ऐसे ही लोग अवज्ञाकारी है
Afaghayra deeni Allahi yabghoona walahu aslama man fee alssamawati waalardi taw'an wakarhan wailayhi yurja'oona
अब क्या इन लोगों को अल्लाह के दीन (धर्म) के सिवा किसी और दीन की तलब है, हालाँकि आकाशों और धरती में जो कोई भी है, स्वेच्छापूर्वक या विवश होकर उसी के आगे झुका हुआ है। और उसी की ओर सबको लौटना है?
Qul amanna biAllahi wama onzila 'alayna wama onzila 'ala ibraheema waisma'eela waishaqa waya'qooba waalasbati wama ootiya moosa wa'eesa waalnnabiyyoona min rabbihim la nufarriqu bayna ahadin minhum wanahnu lahu muslimoona
कहो, 'हम तो अल्लाह पर और उस चीज़ पर ईमान लाए जो हम पर उतरी है, और जो इबराहीम, इसमाईल, इसहाक़ और याकूब़ और उनकी सन्तान पर उतरी उसपर भी, और जो मूसा और ईसा और दूसरे नबियो को उनके रब की ओर से प्रदान हुई (उसपर भी हम ईमान रखते है) । हम उनमें से किसी को उस ओर से प्रदान हुई (उसपर भी हम ईमान रखते है) । हम उनमें से किसी को उस सम्बन्ध से अलग नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, और हम उसी के आज्ञाकारी (मुस्लिम) है।'
Waman yabtaghi ghayra alislami deenan falan yuqbala minhu wahuwa fee alakhirati mina alkhasireena
जो इस्लाम के अतिरिक्त कोई और दीन (धर्म) तलब करेगा तो उसकी ओर से कुछ भी स्वीकार न किया जाएगा। और आख़िरत में वह घाटा उठानेवालों में से होगा
Kayfa yahdee Allahu qawman kafaroo ba'da eemanihim washahidoo anna alrrasoola haqqun wajaahumu albayyinatu waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena
अल्लाह उन लोगों को कैसे मार्ग दिखाएगा, जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात अधर्म और इनकार की नीति अपनाई, जबकि वे स्वयं इस बात की गवाही दे चुके हैं कि यह रसूल सच्चा है और उनके पास स्पष्ट निशानियाँ भी आ चुकी हैं? अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाया करता
Olaika jazaohum anna 'alayhim la'nata Allahi waalmalaikati waalnnasi ajma'eena
उन लोगों का बदला यही है कि उनपर अल्लाह और फ़रिश्तों और सारे मनुष्यों की लानत है
Khalideena feeha la yukhaffafu 'anhumu al'athabu wala hum yuntharoona
इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की होगी और न उन्हें मुहलत ही दी जाएगी
Illa allatheena taboo min ba'di thalika waaslahoo fainna Allaha ghafoorun raheemun
हाँ, जिन लोगों ने इसके पश्चात तौबा कर ली और अपनी नीति को सुधार लिया तो निस्संदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है
Inna allatheena kafaroo ba'da eemanihim thumma izdadoo kufran lan tuqbala tawbatuhum waolaika humu alddalloona
रहे वे लोग जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात इनकार किया और अपने इनकार में बढ़ते ही गए, उनकी तौबा कदापि स्वीकार न होगी। वास्तव में वही पथभ्रष्ट हैं