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وَإِذْ
और जब
أَخَذَ
लिया
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
مِيثَٰقَ
पुख़्ता अहद
ٱلنَّبِيِّۦنَ
नबियों से
لَمَآ
अलबत्ता जो
ءَاتَيْتُكُم
दूँ मैं तुम्हें
مِّن
किताब में से
كِتَٰبٍ
किताब में से
وَحِكْمَةٍ
और हिकमत में से
ثُمَّ
फिर
جَآءَكُمْ
आ जाए तुम्हारे पास
رَسُولٌ
एक रसूल
مُّصَدِّقٌ
तसदीक़ करने वाला
لِّمَا
उसकी जो
مَعَكُمْ
तुम्हारे पास है
لَتُؤْمِنُنَّ
अल्बत्ता तुम ज़रूर ईमान लाओगे
بِهِۦ
उस पर
وَلَتَنصُرُنَّهُۥۚ
और अलबत्ता तुम ज़रूर मदद करोगे उसकी
قَالَ
फ़रमाया
ءَأَقْرَرْتُمْ
क्या तुम इक़रार किया तुमने
وَأَخَذْتُمْ
और लिया तुमने
عَلَىٰ
उस पर
ذَٰلِكُمْ
उस पर
إِصْرِىۖ
अहद मेरा
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
أَقْرَرْنَاۚ
इक़रार किया हमने
قَالَ
फ़रमाया
فَٱشْهَدُوا۟
पस गवाह रहो
وَأَنَا۠
और मैं हूँ
مَعَكُم
साथ तुम्हारे
مِّنَ
गवाहों में से
ٱلشَّٰهِدِينَ
गवाहों में से

Waith akhatha Allahu meethaqa alnnabiyyeena lama ataytukum min kitabin wahikmatin thumma jaakum rasoolun musaddiqun lima ma'akum latuminunna bihi walatansurunnahu qala aaqrartum waakhathtum 'ala thalikum isree qaloo aqrarna qala faishhadoo waana ma'akum mina alshshahideena

और याद करो जब अल्लाह ने नबियों के सम्बन्ध में वचन लिया था, 'मैंने तुम्हें जो कुछ किताब और हिकमत प्रदान की, इसके पश्चात तुम्हारे पास कोई रसूल उसकी पुष्टि करता हुआ आए जो तुम्हारे पास मौजूद है, तो तुम अवश्य उस पर ईमान लाओगे और निश्चय ही उसकी सहायता करोगे।' कहा, 'क्या तुमने इक़रार किया? और इसपर मेरी ओर से डाली हुई जिम्मेदारी को बोझ उठाया?' उन्होंने कहा, 'हमने इक़रार किया।' कहा, 'अच्छा तो गवाह किया और मैं भी तुम्हारे साथ गवाह हूँ।'

Tafseer (तफ़सीर )

فَمَن
तो जो कोई
تَوَلَّىٰ
मुँह मोड़ जाए
بَعْدَ
बाद
ذَٰلِكَ
उसके
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
هُمُ
वो
ٱلْفَٰسِقُونَ
जो फ़ासिक़ हैं

Faman tawalla ba'da thalika faolaika humu alfasiqoona

फिर इसके बाद जो फिर गए, तो ऐसे ही लोग अवज्ञाकारी है

Tafseer (तफ़सीर )

أَفَغَيْرَ
क्या भला अलावा
دِينِ
अल्लाह के दीन के
ٱللَّهِ
अल्लाह के दीन के
يَبْغُونَ
वो (कुछ और) तलाश करते हैं
وَلَهُۥٓ
हालाँकि उसी के लिए
أَسْلَمَ
फ़रमाबरदार हुआ
مَن
जो कोई
فِى
आसमानों में
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में है
طَوْعًا
ख़ुशी से
وَكَرْهًا
और नाख़ुशी से
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
يُرْجَعُونَ
वो लौटाए जाऐंगे

Afaghayra deeni Allahi yabghoona walahu aslama man fee alssamawati waalardi taw'an wakarhan wailayhi yurja'oona

अब क्या इन लोगों को अल्लाह के दीन (धर्म) के सिवा किसी और दीन की तलब है, हालाँकि आकाशों और धरती में जो कोई भी है, स्वेच्छापूर्वक या विवश होकर उसी के आगे झुका हुआ है। और उसी की ओर सबको लौटना है?

Tafseer (तफ़सीर )

قُلْ
कह दीजिए
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
وَمَآ
और जो
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
عَلَيْنَا
हम पर
وَمَآ
और जो
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
عَلَىٰٓ
इब्राहीम पर
إِبْرَٰهِيمَ
इब्राहीम पर
وَإِسْمَٰعِيلَ
और इस्माईल
وَإِسْحَٰقَ
और इसहाक़
وَيَعْقُوبَ
और याक़ूब
وَٱلْأَسْبَاطِ
और औलादे याक़ूब पर
وَمَآ
और जो
أُوتِىَ
दिए गए
مُوسَىٰ
मूसा
وَعِيسَىٰ
और ईसा
وَٱلنَّبِيُّونَ
और तमाम अम्बिया
مِن
अपने रब की तरफ़ से
رَّبِّهِمْ
अपने रब की तरफ़ से
لَا
नहीं हम फ़र्क़ करते
نُفَرِّقُ
नहीं हम फ़र्क़ करते
بَيْنَ
दर्मियान
أَحَدٍ
किसी एक के
مِّنْهُمْ
उनमें से
وَنَحْنُ
और हम
لَهُۥ
उसी के
مُسْلِمُونَ
फ़रमाबरदार हैं

Qul amanna biAllahi wama onzila 'alayna wama onzila 'ala ibraheema waisma'eela waishaqa waya'qooba waalasbati wama ootiya moosa wa'eesa waalnnabiyyoona min rabbihim la nufarriqu bayna ahadin minhum wanahnu lahu muslimoona

कहो, 'हम तो अल्लाह पर और उस चीज़ पर ईमान लाए जो हम पर उतरी है, और जो इबराहीम, इसमाईल, इसहाक़ और याकूब़ और उनकी सन्तान पर उतरी उसपर भी, और जो मूसा और ईसा और दूसरे नबियो को उनके रब की ओर से प्रदान हुई (उसपर भी हम ईमान रखते है) । हम उनमें से किसी को उस ओर से प्रदान हुई (उसपर भी हम ईमान रखते है) । हम उनमें से किसी को उस सम्बन्ध से अलग नहीं करते जो उनके बीच पाया जाता है, और हम उसी के आज्ञाकारी (मुस्लिम) है।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَن
और जो कोई
يَبْتَغِ
चाहेगा
غَيْرَ
सिवाय
ٱلْإِسْلَٰمِ
इस्लाम के
دِينًا
कोई दीन
فَلَن
तो हरगिज़ नहीं
يُقْبَلَ
वो क़ुबूल किया जाएगा
مِنْهُ
उससे
وَهُوَ
और वो
فِى
आख़िरत में
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
مِنَ
ख़सारा पाने वालों में से होगा
ٱلْخَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वालों में से होगा

Waman yabtaghi ghayra alislami deenan falan yuqbala minhu wahuwa fee alakhirati mina alkhasireena

जो इस्लाम के अतिरिक्त कोई और दीन (धर्म) तलब करेगा तो उसकी ओर से कुछ भी स्वीकार न किया जाएगा। और आख़िरत में वह घाटा उठानेवालों में से होगा

Tafseer (तफ़सीर )

كَيْفَ
किस तरह
يَهْدِى
हिदायत देगा
ٱللَّهُ
अल्लाह
قَوْمًا
उस क़ौम को
كَفَرُوا۟
जिन्होंने कुफ़्र किया
بَعْدَ
बाद
إِيمَٰنِهِمْ
अपने ईमान लाने के
وَشَهِدُوٓا۟
और उन्होंने गवाही दी
أَنَّ
कि बेशक
ٱلرَّسُولَ
रसूल
حَقٌّ
बरहक़ हैं
وَجَآءَهُمُ
और आईं उनके पास
ٱلْبَيِّنَٰتُۚ
वाज़ेह निशानियाँ
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं वो हिदायत देता
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Kayfa yahdee Allahu qawman kafaroo ba'da eemanihim washahidoo anna alrrasoola haqqun wajaahumu albayyinatu waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena

अल्लाह उन लोगों को कैसे मार्ग दिखाएगा, जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात अधर्म और इनकार की नीति अपनाई, जबकि वे स्वयं इस बात की गवाही दे चुके हैं कि यह रसूल सच्चा है और उनके पास स्पष्ट निशानियाँ भी आ चुकी हैं? अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्ग नहीं दिखाया करता

Tafseer (तफ़सीर )

أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
جَزَآؤُهُمْ
बदला उनका
أَنَّ
कि बेशक
عَلَيْهِمْ
उन पर
لَعْنَةَ
लानत है
ٱللَّهِ
अल्लाह की
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
और फ़रिश्तों की
وَٱلنَّاسِ
और लोगों की
أَجْمَعِينَ
सब के सब की

Olaika jazaohum anna 'alayhim la'nata Allahi waalmalaikati waalnnasi ajma'eena

उन लोगों का बदला यही है कि उनपर अल्लाह और फ़रिश्तों और सारे मनुष्यों की लानत है

Tafseer (तफ़सीर )

خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
فِيهَا
उसमें
لَا
ना हलका किया जाएगा
يُخَفَّفُ
ना हलका किया जाएगा
عَنْهُمُ
उनसे
ٱلْعَذَابُ
अज़ाब
وَلَا
और ना
هُمْ
वो
يُنظَرُونَ
वो मोहलत दिए जाऐंगे

Khalideena feeha la yukhaffafu 'anhumu al'athabu wala hum yuntharoona

इसी दशा में वे सदैव रहेंगे, न उनकी यातना हल्की होगी और न उन्हें मुहलत ही दी जाएगी

Tafseer (तफ़सीर )

إِلَّا
मगर
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
تَابُوا۟
तौबा की
مِنۢ
बाद उसके
بَعْدِ
बाद उसके
ذَٰلِكَ
बाद उसके
وَأَصْلَحُوا۟
और इस्लाह की
فَإِنَّ
तो बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Illa allatheena taboo min ba'di thalika waaslahoo fainna Allaha ghafoorun raheemun

हाँ, जिन लोगों ने इसके पश्चात तौबा कर ली और अपनी नीति को सुधार लिया तो निस्संदेह अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है

Tafseer (तफ़सीर )

إِنَّ
बेशक
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
بَعْدَ
बाद
إِيمَٰنِهِمْ
अपने ईमान के
ثُمَّ
फिर
ٱزْدَادُوا۟
वो बढ़ते गए
كُفْرًا
कुफ़्र में
لَّن
हरगिज़ ना
تُقْبَلَ
क़ुबूल की जाएगी
تَوْبَتُهُمْ
तौबा उनकी
وَأُو۟لَٰٓئِكَ
और यही लोग हैं
هُمُ
वो
ٱلضَّآلُّونَ
जो गुमराह हैं

Inna allatheena kafaroo ba'da eemanihim thumma izdadoo kufran lan tuqbala tawbatuhum waolaika humu alddalloona

रहे वे लोग जिन्होंने अपने ईमान के पश्चात इनकार किया और अपने इनकार में बढ़ते ही गए, उनकी तौबा कदापि स्वीकार न होगी। वास्तव में वही पथभ्रष्ट हैं

Tafseer (तफ़सीर )