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وَإِذَا
और जब
قِيلَ
कहा जाता है
لَهُمْ
उन्हें
تَعَالَوْا۟
आओ
إِلَىٰ
तरफ़ उसके जो
مَآ
तरफ़ उसके जो
أَنزَلَ
नाज़िल किया
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
وَإِلَى
और तरफ़ रसूल के
ٱلرَّسُولِ
और तरफ़ रसूल के
رَأَيْتَ
आप देखते हैं
ٱلْمُنَٰفِقِينَ
मुनाफ़िक़ों को
يَصُدُّونَ
वो रुकते हैं
عَنكَ
आप से
صُدُودًا
रुक जाना

Waitha qeela lahum ta'alaw ila ma anzala Allahu waila alrrasooli raayta almunafiqeena yasuddoona 'anka sudoodan

और जब उनसे कहा जाता है कि आओ उस चीज़ की ओर जो अल्लाह ने उतारी है और आओ रसूल की ओरस तो तुम मुनाफ़िको (कपटाचारियों) को देखते हो कि वे तुमसे कतराकर रह जाते है

Tafseer (तफ़सीर )

فَكَيْفَ
तो क्या होता है
إِذَآ
जब
أَصَٰبَتْهُم
पहुँचती है उन्हें
مُّصِيبَةٌۢ
कोई मुसीबत
بِمَا
बवजह उसके जो
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
أَيْدِيهِمْ
उनके हाथों ने
ثُمَّ
फिर
جَآءُوكَ
वो आ जाते हैं आपके पास
يَحْلِفُونَ
क़समें खाते हैं
بِٱللَّهِ
अल्लाह की
إِنْ
नहीं
أَرَدْنَآ
इरादा किया हमने
إِلَّآ
मगर
إِحْسَٰنًا
एहसान
وَتَوْفِيقًا
और मुवाफ़िक़त का

Fakayfa itha asabathum museebatun bima qaddamat aydeehim thumma jaooka yahlifoona biAllahi in aradna illa ihsanan watawfeeqan

फिर कैसी बात होगी कि जब उनकी अपनी करतूतों के कारण उनपर बड़ी मुसीबत आ पडेगी। फिर वे तुम्हारे पास अल्लाह की क़समें खाते हुए आते है कि हम तो केवल भलाई और बनाव चाहते थे?

Tafseer (तफ़सीर )

أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
ٱلَّذِينَ
वो जो
يَعْلَمُ
जानता है
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
उसको जो
فِى
उनके दिलों में है
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों में है
فَأَعْرِضْ
पस आप ऐराज़ कीजिए
عَنْهُمْ
उनसे
وَعِظْهُمْ
और नसीहत कीजिए उन्हें
وَقُل
और कह दीजिए
لَّهُمْ
उन्हें
فِىٓ
उनके दिलों में
أَنفُسِهِمْ
उनके दिलों में
قَوْلًۢا
बात
بَلِيغًا
पहुँचने वाली / पुर असर

Olaika allatheena ya'lamu Allahu ma fee quloobihim faa'rid 'anhum wa'ithhum waqul lahum fee anfusihim qawlan baleeghan

ये वे लोग है जिनके दिलों की बात अल्लाह भली-भाँति जानता है; तो तुम उन्हें जाने दो और उन्हें समझओ और उनसे उनके विषय में वह बात कहो जो प्रभावकारी हो

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ
और नहीं
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
مِن
कोई रसूल
رَّسُولٍ
कोई रसूल
إِلَّا
मगर
لِيُطَاعَ
ताकि वो इताअत किया जाए
بِإِذْنِ
अल्लाह के इज़्न से
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के इज़्न से
وَلَوْ
और अगर
أَنَّهُمْ
बेशक वो
إِذ
जब
ظَّلَمُوٓا۟
उन्होंने ज़ुल्म किया
أَنفُسَهُمْ
अपने नफ़्सों पर
جَآءُوكَ
वो आ जाते हैं आपके पास
فَٱسْتَغْفَرُوا۟
फिर वो बख़्शिश माँगते
ٱللَّهَ
अल्लाह से
وَٱسْتَغْفَرَ
और बख़्शिश माँगते
لَهُمُ
उनके लिए
ٱلرَّسُولُ
रसूल
لَوَجَدُوا۟
अलबत्ता वो पाते
ٱللَّهَ
अल्लाह को
تَوَّابًا
बहुत तौबा क़ुबूल करने वाला
رَّحِيمًا
निहायत रहम करने वाला

Wama arsalna min rasoolin illa liyuta'a biithni Allahi walaw annahum ith thalamoo anfusahum jaooka faistaghfaroo Allaha waistaghfara lahumu alrrasoolu lawajadoo Allaha tawwaban raheeman

हमने जो रसूल भी भेजा, इसलिए भेजा कि अल्लाह की अनुमति से उसकी आज्ञा का पालन किया जाए। और यदि यह उस समय, जबकि इन्होंने स्वयं अपने ऊपर ज़ुल्म किया था, तुम्हारे पास आ जाते और अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करता तो निश्चय ही वे अल्लाह को अत्यन्त क्षमाशील और दयावान पाते

Tafseer (तफ़सीर )

فَلَا
पस नहीं
وَرَبِّكَ
क़सम है आपके रब की
لَا
नहीं वो मोमिन हो सकते
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो मोमिन हो सकते
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
يُحَكِّمُوكَ
वो मुन्सिफ़ बनाऐं आपको
فِيمَا
उस मामले में जो
شَجَرَ
इख़्तिलाफ़ हुआ
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
ثُمَّ
फिर
لَا
ना वो पाऐं
يَجِدُوا۟
ना वो पाऐं
فِىٓ
अपने नफ़्सों में
أَنفُسِهِمْ
अपने नफ़्सों में
حَرَجًا
कोई तंगी
مِّمَّا
उससे जो
قَضَيْتَ
फैसला करें आप
وَيُسَلِّمُوا۟
और वो तसलीम कर लें
تَسْلِيمًا
पूरी तरह तसलीम करना

Fala warabbika la yuminoona hatta yuhakkimooka feema shajara baynahum thumma la yajidoo fee anfusihim harajan mimma qadayta wayusallimoo tasleeman

तो तुम्हें तुम्हारे रब की कसम! ये ईमानवाले नहीं हो सकते जब तक कि अपने आपस के झगड़ो में ये तुमसे फ़ैसला न कराएँ। फिर जो फ़ैसला तुम कर दो, उसपर ये अपने दिलों में कोई तंगी न पाएँ और पूरी तरह मान ले

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ
और अगर
أَنَّا
बेशक हम
كَتَبْنَا
लिख देते हम
عَلَيْهِمْ
उन पर
أَنِ
कि
ٱقْتُلُوٓا۟
क़त्ल करो
أَنفُسَكُمْ
अपने नफ़्सों को
أَوِ
या
ٱخْرُجُوا۟
निकल जाओ
مِن
अपने घरों से
دِيَٰرِكُم
अपने घरों से
مَّا
ना
فَعَلُوهُ
वो करते उसे
إِلَّا
मगर
قَلِيلٌ
थोड़े
مِّنْهُمْۖ
उनमें से
وَلَوْ
और अगर
أَنَّهُمْ
बेशक वो
فَعَلُوا۟
करते
مَا
जो
يُوعَظُونَ
वो नसीहत किए जाते हैं
بِهِۦ
जिसकी
لَكَانَ
अलबत्ता होता
خَيْرًا
बेहतर
لَّهُمْ
उनके लिए
وَأَشَدَّ
और ज़्यादा शदीद
تَثْبِيتًا
साबित क़दमी में

Walaw anna katabna 'alayhim ani oqtuloo anfusakum awi okhrujoo min diyarikum ma fa'aloohu illa qaleelun minhum walaw annahum fa'aloo ma yoo'athoona bihi lakana khayran lahum waashadda tathbeetan

और यदि कहीं हमने उन्हें आदेश दिया होता कि 'अपनों को क़त्ल करो या अपने घरों से निकल जाओ।' तो उनमें से थोड़े ही ऐसा करते। हालाँकि जो नसीहत उन्हें दी जाती है, अगर वे उसे व्यवहार में लाते तो यह बात उनके लिए अच्छी होती और ज़्यादा ज़माव पैदा करनेवाली होती

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذًا
और तब
لَّءَاتَيْنَٰهُم
अलबत्ता देते हम उन्हें
مِّن
अपने पास से
لَّدُنَّآ
अपने पास से
أَجْرًا
अजर
عَظِيمًا
बहुत बड़ा

Waithan laataynahum min ladunna ajran 'atheeman

और उस समय हम उन्हें अपनी ओर से निश्चय ही बड़ा बदला प्रदान करते

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَهَدَيْنَٰهُمْ
और अलबत्ता हिदायत देते हम उन्हें
صِرَٰطًا
रास्ते
مُّسْتَقِيمًا
सीधे की

Walahadaynahum siratan mustaqeeman

और उन्हें सीधे मार्ग पर लगा देते

Tafseer (तफ़सीर )

وَمَن
और जो कोई
يُطِعِ
इताअत करेगा
ٱللَّهَ
अल्लाह की
وَٱلرَّسُولَ
और रसूल की
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग
مَعَ
साथ होंगे
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के
أَنْعَمَ
इनाम किया
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
عَلَيْهِم
जिन पर
مِّنَ
नबियों में से
ٱلنَّبِيِّۦنَ
नबियों में से
وَٱلصِّدِّيقِينَ
और सिद्दीक़ीन
وَٱلشُّهَدَآءِ
और शोहदा
وَٱلصَّٰلِحِينَۚ
और सालिहीन में से
وَحَسُنَ
और कितने अच्छे हैं
أُو۟لَٰٓئِكَ
ये लोग
رَفِيقًا
बतौर साथी के

Waman yuti'i Allaha waalrrasoola faolaika ma'a allatheena an'ama Allahu 'alayhim mina alnnabiyyeena waalssiddeeqeena waalshshuhadai waalssaliheena wahasuna olaika rafeeqan

जो अल्लाह और रसूल की आज्ञा का पालन करता है, तो ऐसे ही लोग उन लोगों के साथ है जिनपर अल्लाह की कृपा स्पष्ट रही है - वे नबी, सिद्दीक़, शहीद और अच्छे लोग है। और वे कितने अच्छे साथी है

Tafseer (तफ़सीर )

ذَٰلِكَ
ये
ٱلْفَضْلُ
फ़ज़ल है
مِنَ
अल्लाह की तरफ़ से
ٱللَّهِۚ
अल्लाह की तरफ़ से
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
بِٱللَّهِ
अल्लाह
عَلِيمًا
बहुत इल्म वाला

Thalika alfadlu mina Allahi wakafa biAllahi 'aleeman

यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है। और काफ़ी है अल्लाह, इस हाल में कि वह भली-भाँति जानता है

Tafseer (तफ़सीर )